Sunday, November 27, 2011

जनता का अमरप्रेम


                                             जनदर्शन,मिलन समारोह जैसे कार्यक्रमों से भारतीयों का पुराना नाता है...कार्यक्रम के बहाने लोग एक दुसरे के सुख-दुख में भागीदार बनते हैं...कमोवेश आज भी यह परंपरा किसी न किसी रूप में जीवित है...जनसुनवाई शिकायत केन्द्र भी इसी परंपरा की आधुनिक कड़ी है...इसका श्रेय निश्चित रूप से रमन सरकार के कद्दावर मंत्री अमर अग्रवाल को जाता है...तमाम व्यस्तताओं के बीच उन्होने उन्नत तकनीक के सहारे अपनों के दुख दर्द से जुड़ने का जो बीड़ा उठाया है...वह काबिले तारीफ है...राजतंत्र के घिसे पिटे प्रयोग से बाहर निकलकर उन्होंने जनदर्शन को जनशिकायत का रूप देकर एक स्वस्थ पंरपरा का श्री गणेश किया है...इस अभियान ने कामचोर अधिकारियों की नींद उड़ा दी है...वहीं जनता अमर के हाथों अपने हितों को सौंपकर बेफिक्र हो गई है...अमर उन बिरले नेताओं में से एक है जिनकी जिन्दगी में राजनीति का अर्थ सिर्फ और सिर्फ जनता का सेवा करना है...कुछ दशक पहले तक लोग राजनीति की परिभाषा स्वहित से जोड़कर देखते थे..समय ने करवट लिया,जनता ने वोट की कीमत को पहचाना..और देश की सेवा का वागडोर उन नेताओं के हाथों सौंप दिया जिन्होने राजनीति को सेवा का पर्याय समझा...अमर अग्रवाल भी इसी कड़ी के नेता हैं..उन्हें जनता की रोजमर्रा की जिन्दगी से गहरा सरोकार है...मंदिर हो या मस्जिद,गिरजाघर हो या गुरूद्वारा हर जगह अमर अपने विशेष अंदाज में लोगों से मिलने पहुंच जाते हैं...अमर के इस सहज के व्यक्तित्व का प्रभाव ही है कि आज बिलासपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश का आम नागरिक भी अपने आपको काफी हद तक भयमुक्त और सुरक्षित महसूस करता है...वह हर मोर्चे पर अपने साथ अमर अग्रवाल को देखता है...वहीं स्वास्थ्य मंत्री का मानना है कि यह प्यार उन्हें जनता से सतत संपर्क से मिला है...सभी लोग जानते हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा को हाइटेक बनाने का श्रेय प्रमोद महाजन को जाता है...तो वहीं 19 नवंबर को जनसुनवाई और शिकायत केन्द्र के बहाने आनलाइन होने का श्रेय प्रदेश में अमर अग्रवाल को मिला है...इस अभियान से ब्योरोक्रेट की नींद उड़ गयी है...जनता ने चैन की बीन बजाना शुरू कर दिया है...क्योंकि उन्हे मालूम है...हम जब सोते हैं...तब अमर अग्रवाल उनके हितों की पहरेदारी करते हैं...वहीं स्वास्थ्य मंत्री का भी मानना है कि जनता की हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें आधुनिक तकनीक का सहारा लेना बहुत जरूरी हो गया था...प्रदेश में अमर अग्रवाल को प्रयोगधर्मी नेता के रूप में जाना जाता है...सीखने और जनहित में कुछ नया कर गुजरने की उनकी आदतों ने विरोधियों में हमेशा चर्चा का विषय रहा है...जनशिकायत केन्द्र की शुरूआती सफलता कुछ इसी बात को बयां करती हैं....टेक्ऩालाजी की बहुत अधिक जानकारी न होने के बावजूद...अमर अग्रवाल ने जनशिकायत केन्द्र के जरिए कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों से जुड़ने का जो बीड़ा उठाया है..वह काबिले तारीफ है...नगर विधायक की मानें तो यह केन्द्र 24 घंटे उनकी धड़कनों से जुड़ी रहेंगी...एक सफल राजनेता होने के कारण अमर अग्रवाल को जनता के प्यार और आक्रोश का अच्छी तरह अंदाजा है...वे स्वीकार भी करते हैं कि जनप्रतिनिधि होने के नाते उन्हें आनलाइन मीठे के साथ कड़वे प्रश्नों का भी सामना करना पड़ेगा...बावजूद इसके वे जहर की इस घूंट को जनहित में पीने को तैयार हैं...ये बातें एक अच्छे जननायक की ओर इशारा करती हैं...अमर को बिलासपुर की जनता से असीम प्यार है...देश में रहें या विदेश में उन्हें बिलासपुर की जनता का हमेशा ख्याल रहता है...यही कारण है प्रदेश के बाहर जनहित में चलने वाली योजनाओं पर उनकी पैनी नज़र रहती है...चाहे आंध्रप्रदेश की आपातकालीन सुरक्षा व्यवस्था हो या बेल्जियम और गुजरात की जनप्रतिनिधियों का जनता से सतत् संवाद का कार्यक्रम हो...अमर को जनहित में जो भी काम अच्छा लगा..उस कार्यक्रम को प्रदेश वासियों के सामने लाने में उन्होंने कभी देरी नहीं की...संजीवनी की अपार सफलता के बाद जन शिकायत केन्द्र भी इसी अभियान का एक हिस्सा है...अमर अग्रवाल को आधुनिक बिलासपुर का स्वप्न दृष्टा भी कहा जाता है...कलाम की तरह उन्होंने भी बिलासपुर के लिये सपना देखा...धीरे धीरे वे सभी सपने साकार भी हो रहे हैं...वहीं अमर की इस मुहिम से जनता खुश है...बावजूद इसके राजस्व मंत्री को आज भी अरपा विकास की चिंता रहती है...इसे लेकर वे अर्जुन की तरह दृढ़ हैं कि अरपा डायवर्सन का तोहफा वे नगरवासियों को हर हालत में देकर ही रहेंगे...शायद यही कारण हैं कि उन्होंने इस अभियान की सफलता के लिये विरोधियों से सलाह लेने से परहेज नहीं किया..किसी ने ठीक कहा है...”लीक लीक गाड़ी चले, लीक पर चले कपूत, लीक छोड़ तीनों चले, शायर,सिंह,सपूत ”...अमर ने इन पंक्तियों को कितना सार्थक किया है.इसे बताने की किसी को जरूरत नहीं है...हां इतना जरूर है कि इस छोटे कद के बड़े नेता ने उन तमाम मिथकों को तोड़ा है..जिसे किसी ने कभी सोचा भी नहीं था...बहरहाल जनता से हर पल जुड़ने का उन्होंने जो संकल्प लिया है...वह न केवल प्रशंसनीय है बल्कि अन्य जनप्रतिनिधियों को इस अभियान से सबक लेने की भी जरूरत है...क्योंकि अमर का यह प्रयास लालफीताशाही पर लगाम लगाने का अमोघ अस्त्र भी है...