Tuesday, April 5, 2011

खरबूजे ने बदला रंग


विश्वकप क्रिकेट शांतिपूर्ण संपन्न हो गया,भारत की जीत पर देश भर में जमकर एक साथ दीवाली,दशहरा,होली,ईद और क्रिसमस मनायी गयी.लगभग दो महीने तक देश दुनिया के क्रिकेट प्रमियों ने खेल का जमकर आनंद उठाया,भारतीय उप महाद्वीप के लोगों ने अपने खिलाड़ियों के साथ ही विदेशी खिलाड़ियों को जमकर प्रोत्साहित किया,खासतौर पर क्रिकेट के दीवानों ने भारत और पाकिस्तान के बीच सेमीफाइनल मैच को लेकर काफी उत्साह दिखाया,इस मैच ने भारत और पाकिस्तान के राजनेताओं को वार्ता के टेबल तक पहुंचाया,पाकिस्तान और भारतीय प्रधानमंत्रियों ने पूरे समय तक खेल का जमकर आनंद उठाया,खेल के बहाने दोनों देश ने पटरी से उतरी वार्ता एक्सप्रेस को फिर से लाइन पर लाने का काम किया.लोगों ने क्रिकेट डिप्लोमेसी का खुले दिल से स्वागत भी किया.एक लंबे समय बाद लोगों को आशा की किरण दिखाई दी कि अब दोनों देश खेल के बहाने तनावमुक्त वातावरण में एक दूसरे की समस्याओं को भली भांति सुनेंगे और पुरानी कड़ावाहट से तौबा करेंगे,और ऐसा ही देखने को मिला,मैच के बाद पाकिस्तान प्रधानमंत्री गिलानी ने भारत को जीत की बधाई दी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पाकिस्तान आने का न्योता दिया.साथ ही प्रधानमंत्री गिलानी ने दोनों देशों के लोगों से भाईचारा बनाये रखने की अपील भी की, वहीं हार जीत से परे पाकिस्तानी खिलाड़ियों के व्यवहार ने भारतीयों को गदगद कर दिया.कप्तान शाहिद अफरीदी के बयान ने भारतीयों का दिल जीत लिया.इस बयान के बहाने अफरीदी ने पाकिस्तानी अवाम और हुक्मरानों को संदेश दिया कि भारत हमारा दुश्मन नहीं दोस्त है,भाई है.यहां के लोगों का दिल पाकिस्तानियों के खुशहाली के लिये धड़कता है.साथ ही अफरीदी ने भारतीय मीडिया की जमकर तारीफ की.और भारतीय टीम को विश्वकप जीतने की बधाई भी दी.वहीं इस बयान को भारतीय मीडिया ने भी हाथों हाथ लिया.मुक्तकंठ से अफरीदी की तारीफ की.
          अभी विश्वकप की खुमारी उतरी भी नहीं थी,और भारतीय मीडिया में अफरीदी का यशगान थमा भी नहीं था,तभी पाकिस्तान में अफरीदी के एक और बयान ने भारत में खलबली मचा दी साथ ही भारतीय नेताओं को विचलित भी कर दिया.दरअसल अफरीदी ने पाकिस्तान पहुंचते ही खरबूजे की तरह अपना रंग बदला.और भारतीय मीडिया पर जमकर भड़ास निकाला.पाकिस्तान टीम के कप्तान की मानें तो भारतीय मीडिया ही दोनों देशों में शत्रुता का कारण हैं.इतना ही नहीं अफरीदी ने भारतीयों को छोटा दिल वाला बताया.साथ ही पाकिस्तान को महान देश बताते हुए बड़े दिलवालों का देश कहा..
            बेशक पाकिस्तान बड़े दिलवालों का देश है लेकिन भारतीयों को अच्छी ढंग से मालूम है कि उस बड़े दिल वाले देश में ओछे विचार ही पल रहे हैं.दरअसल ये हमारी भूल हो सकती है कि खेल के बहाने हम पाकिस्तान से मधुर रिश्ते बनाने का प्रयास कर रहे हैं.लेकिन भारत आज भी नहीं भूला है कि पाकिस्तान हमेशा से क्रिकेट के मैदान को जंग का मैदान समझा है.ये अलग बात है कि उसे जंग में कामयाबी नहीं मिली.कभी इमरान खान भी कहा करते थे कि भारत क्रिकेट के मैदान में कश्मीर की समस्या को सुलझा ले.जो जीतेगा कश्मीर उसका हो जायेगा.वसीम अकरम ने भी कुछ दिनों तक यही राग अलापा..सच तो ये है कि इस पूरे ताने बाने में हमेशा पाकिस्तानी राजनयिकों का हाथ रहा है.
          दरअसल खरबूजे की तरह रंग बदलने की आदत पाकिस्तानियों में हमेशा से रही.चाहे जुल्फीकार अली भुट्टो हो. या फिर जनरल जियाऊल हक,नवाज शरीफ हों या फिर परवेज मुशर्रफ ये सभी नाम रंग बदलने में सिद्धहस्त हैं.ये वे नाम हैं जो वार्ता के बहाने भारत की पीठ छूरा घोंपने का काम किया .अब इस कड़ी में इमरान खान,वसीम अकरम के बाद शाहिद अफरीदी का भी नाम जुड़ गया है.दरअसल ऐसे अनगिनत पाकिस्तानी नामों ने क्रिकेट के मैदान को महायुद्ध का मैदान बना दिया है.इतिहास गवाह है कि भारत ने हमेशा से पाकिस्तान से सौहार्द के लिये दोस्ती का हाथ बढ़ाया है.अटल बिहारी की बस यात्रा को कौन भूल सकता है.जिसका दुनिया ने गर्म जोशी के साथ स्वागत किया था.लेकिन पाकिस्तान ने भारत को न भूलने वाला कारगिल का जख्म दिया.26/11 को भारत अभी भूला नहीं है,जिसमें बेगुनाह 185 लोग आतंकियों के शिकार हो गये.सच तो यह है कि पाकिस्तान इंफिरियारिटी कांम्पलेक्स का शिकार है.वहां राजनयिक हों या खिलाड़ी सभी लोग भारत फोबिया से ग्रसित हैं.उनमें से आफरीदी भी एक है.हमारे यहां एक कहावत है कि खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है. अफरीदी के साथ भी कुछ ऐसा ही है     
             

2 comments:

  1. bahut badhiya bhaiya...aapki lekhni me yatharth, vyang or kataksh ka adbhud sanyog hai....proud of you...regards

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